
चंडीगढ़, 9 नवंबर— केंद्रीय आवासन, ऊर्जा एवं शहरी मामले के मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को करनाल में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और तेजी लाने के निर्देश दिए। मंत्री ने बैठक में 11 विभागों की 22 महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए कि योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले तथा विकासात्मक परियोजना को जल्द धरातल पर लाया जाए।
बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी अपने स्तर पर जिला से संबंधित विकासात्मक परियोजनाओं तथा जन कल्याणकारी योजनाओं का आवश्यकतानुसार प्लान तैयार करें, केवल लक्ष्य पूरा करने तक सीमित न रहें। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री शहरी व ग्रामीण आवास योजना के लिए ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों को आवेदन करने के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कृषि विभाग की ‘आत्मा योजना’ की समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के उपनिदेशक को निर्देश दिए कि वे किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित करें और उन्हें प्रशिक्षण भी दिलवाएं ताकि किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा अर्जित कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
केंद्रीय मंत्री ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पीएम मुद्रा योजना के तहत स्वरोजगार स्थापित करने के लिए लोन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना का लाभ मिले इसके लिए लोगों को आवेदन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में पीएम आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी 3 करोड़ मकानों का राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया गया है। देश भर में एक करोड़ शहरी व 2 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में मकान बनाए जाएंगे। पोर्टल पर आवेदन मांगे गए हैं।
उन्होंने कहा कि रोजगार की दृष्टि से वीटा बूथ योजना एक अच्छी योजना है इसका और सरलीकरण किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आवेदन करके लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि स्वनिधी योजना के तहत छोटे दुकानदारों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए ऋण की राशि बढ़ाई गई है। इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये और 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है। 50 हजार रुपये के ऋण के साथ अतिरिक्त 30 हजार रुपये की राशि का क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है ताकि रिवोल्विंग फंड का इस्तेमाल बार -बार किया जा सके। ऐसी छोटी-छोटी स्कीमों का लाभ उठाने से समाज के गरीब लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव आता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाया जाता है ताकि वे महिलाएं आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बन सकें। उन्होंने कहा कि समूहों में शामिल महिलाओं के खराब सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए, ताकि अगले वर्ष वे भी ऋण के लिए पात्र हो सकें।