
चंडीगढ़ , 20 नवंबर- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि युवाओं को गीता के उपदेश अपने जीवन में आत्मसात करने चाहिए।
श्री राणा आज अंतर्राष्ट्रीय श्रीमदभगवद् गीता जयंती समारोह-2025 के उपलक्ष में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगर में युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यक्रम में पहुंचने पर मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र एवं संस्थान के प्रधानाचार्य भूपिंदर सांगवान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
इस अवसर पर मातृभूमि सेवा मिशन कुरुक्षेत्र द्वारा संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं राजकीय औद्योगिक संस्थान, यमुनानगर के विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा प्रदर्शनी स्टाल लगाकर अपनी तकनीकी व रचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन भी किया गया। इस प्रदर्शनी स्टाल का कृषि मंत्री ने निरीक्षण कर छात्राओं द्वारा बनाए गए प्रोडेक्टस आदि की प्रशंसा भी की।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता सभी ग्रंथों में एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान है। संसार में ज्ञान से बढक़र कुछ नहीं है। हमारे संत महात्माओं ने चिंतन के बाद अध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया है और पवित्र गीता ग्रंथ दुनिया का एक मात्र ग्रंथ है, जिसमें जीवन के रहस्य तथा मनुष्य के मन में उठने वाले प्रत्येक प्रश्र का उत्तर है।
श्रीमदभगवत गीता के अनुसार कुरूक्षेत्र में 18 दिन महाभारत का युद्ध हुआ था और गीता के भी 18 ही अध्याय हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की भूमि पर स्थित ज्योतिसर में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को निष्काम ज्ञान प्रदान किया था। हरियाणा की भूमि देव भूमि है और इसलिए इसे हरि की भूमि भी कहा जाता है। श्रीमदभगवत गीता में भगवान कृष्ण व अर्जुन का संवाद विशेष महत्व रखता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि गीता में कहा गया है कि मनुष्य को निष्काम भाव से कर्म करना चाहिए। उसके फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि हम निष्काम भाव से कर्म करते हैं तो उसका फल हमें अवश्य ही मिलता है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी सहित महर्षि ज्ञानानंद जी महाराज द्वारा विश्व के अनेक देशों में गीता का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
कुरुक्षेत्र में हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर की गीता जयंती का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में 15 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।