
चंडीगढ़, 7 नवंबर– हरियाणा सरकार ने राज्य की जन स्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक सशक्त एवं आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव की अध्यक्षता में आज उच्च अधिकारियों के साथ हुई एसएचपीपीएच बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण दर अनुबंधों को मंजूरी दी गई।
बैठक में प्रदेश के सभी सिविल अस्पतालों के लिए 4.64 करोड़ रुपये की लागत से 87 डिफाइब्रिलेटर (Bi-phasic), 1.01 करोड़ की लागत से 40 मोबाइल एक्स-रे मशीनें , 4 करोड़ की लागत से 11 वीडियो ब्रोंकोस्कोप तथा 7.19 करोड़ रुपये की लागत से जीआई वीडियो एंडोस्कोपी सिस्टम की खरीद को स्वीकृति दी गई। इसके अतिरिक्त, गुरुग्राम जिले में 26.20 करोड़ की लागत से 30 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (UAAM) के संचालन एवं प्रबंधन हेतु सेवा प्रदाता के चयन को भी मंजूरी प्रदान की गई।
इसी तरह से राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों की क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए समिति ने हिस्टोपैथोलॉजी विभागों हेतु 1.60 करोड़ रुपये में 9 स्वचालित स्लाइड स्टेनर, दंत विभागों हेतु 2.20 करोड़ में 4 मोबाइल डेंटल वैन, प्रयोगशाला विभागों के लिए 1.47 करोड़ में 70 एबीजी बेंचटॉप मशीनें, नेत्र विभागों के लिए 3.94 करोड़ में 15 हाई-एंड ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप (नेत्र) तथा टीबी रोगियों के परीक्षण हेतु 6 करोड़ की लागत से 40 ट्रूनेट मशीनें खरीदने को भी स्वीकृति दी।
बैठक में उपकरणों के साथ-साथ आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगभग 60 करोड़ मूल्य की 44 आवश्यक दवाओं को भी दो वर्ष की अवधि के दर अनुबंध के तहत मंजूरी प्रदान की गई।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि इन स्वीकृतियों से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल सुधार होगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों और तृतीयक स्वास्थ्य संस्थानों तक मरीजों को बेहतर, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों और जीवनरक्षक दवाओं की समय पर आपूर्ति से न केवल मरीजों की देखभाल सेवाएं मजबूत होंगी, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित राज्य के सभी प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी प्रभावी रूप से सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीक और गुणवत्ता आधारित सुधार की दिशा में एक और ठोस कदम है, जिससे राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षित जीवन का लाभ मिलेगा।