
चंडीगढ़, 23 नवंबर — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरस आजीविका मेला शिल्पकारों और खरीदारों को एक मंच पर लाने के साथ-साथ देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी योगदान देता है। हम सबको अपने शिल्पकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं पर गर्व करना चाहिए और उनके द्वारा बनाये उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। ऐसा करके हम अपने क्षेत्र के शिल्पकारों तथा लघु उद्यमियों की मदद कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी रविवार को पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित सरस आजीविका मेला-2025 के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
महिला उद्यमी ऐसे उत्पादों का निर्माण करें जो गुणवत्ता और शिल्प की दृष्टि से विदेशी उत्पादों को कड़ी टक्कर दें
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों की महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों, शिल्पकारों व कारीगरों द्वारा लगाए गए विभिन्न उत्पादों के स्टाॅलस का अवलोकन किया और उत्पादों में गहरी रूचि दिखाई। उन्होंने महिलाओं की कला और कौशल की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारी बहनें स्वदेशी उत्पादों का निर्माण कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सकंल्प और वोकल फाॅर लोकल की भावना को मजबूत करने में अपना अहम योगदान दें रही हैं। उन्होंने महिला उद्यमियों से आह्वान किया कि वे ऐसे उत्पादों का निर्माण करें जो गुणवत्ता और शिल्प की दृष्टि से विदेश उत्पादों को कड़ी टक्कर दें।
स्वापन डिजिटल ग्राम बाजार पोर्टल के माध्यम से एसएचजी के उत्पादों की वैश्विक स्तर पर हो सकेगी प्रदर्शन और बिक्री
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा राज्य ग्राम आजीविका मिशन के दो ऑनलाइन पोर्टल- स्वापन डिजिटल ग्राम बाजार पोर्टल और सांझा बाजार सेल्स पोर्टल का शुभारंभ किया।
स्वापन डिजिटल ग्राम बाजार पोर्टल एक एकीकृत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से हरियाणा के स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन और बिक्री की जा सकेगी। इस पहल से ग्रामीण महिलाओं की आजीविका बढ़ेगी और आर्थिक स्वतंत्रता सुदृढ़ होगी। यह ऑनलाइन खुदरा मंच एसएचजी को अपने उत्पाद पंजीकृत करने, ऑर्डर प्राप्त करने, बिक्री का रिकॉर्ड देखने तथा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के ग्राहकों तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करेगा।
इसी प्रकार सांझा बाजार सेल्स पोर्टल के माध्यम से एसएचजी को निरंतर बाजार उपलब्धता, स्टॉल आवंटन में पारदर्शिता, रियल-टाइम सेल्स ट्रैकिंग तथा उत्पाद प्रदर्शन के विश्लेषण जैसी सुविधाएं प्राप्त होंगी। यह पोर्टल सांझा बाजार, बस स्टैंड शॉप्स, ग्राम दुकानों, कैंटीन, सरस मेला और मॉल स्टॉल्स के अंतर्गत आने वाली सभी परिचालन गतिविधियों को एकीकृत करेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वयं सहायता समूहों के काम की करी प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस मेले में हमारी बहनों की भागीदारी अधिक है। यह महिला सशक्तिकरण का एक मंच बन गया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में महिलाओं की आर्थिक आजादी में स्वयं सहायता समूहों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के काम की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रशंसा की है। उन्होंने 28 जुलाई, 2024 को मन की बात कार्यक्रम में रोहतक जिले के हथकरघा उद्योग का जिक्र किया है। उस उद्योग में लगी बहनों की मेहनत और कौशल की तारीफ की है। उसमें रोहतक जिले की 250 से अधिक महिलाएं ब्लॉक प्रिटिंग एवं रंगाई का काम करती हैं। उन्होंने स्वंय सहायता समूहों से जुड़कर ट्रेनिंग हासिल की है। इसी तरह के उद्योगों को बढावा देने के लिए राज्य सरकार ने ’हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ की स्थापना की थी। इसके द्वारा ग्रामीण गरीब परिवारों की आय बढाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
सभी जिला मुख्यालय पर सांझा बाजार की व्यवस्था करवाई जा रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में महिलाओं के हाथों से बने उत्पादों को देखकर उन्होंने महसूस किया है कि अगर उन्हें अवसर दिया जाए, तो वे किसी से कम नहीं हैं। ऐसे उत्पादों को बेचने के लिए सभी जिला मुख्यालय पर सांझा बाजार की व्यवस्था करवाई जा रही है। प्रदेश में अभी तक 10 सांझा बाजार बनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही मार्केटिंग व ब्रांडिंग में सहयोग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एवं ऑफलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करवाएं गए हैं।
60,554 स्वयं सहायता समूहों में 5 लाख 98 हजार परिवारों को जोड़ा गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि ’हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका’ मिशन के तहत अब तक 60,554 स्वयं सहायता समूहों में 5 लाख 98 हजार परिवारों को जोड़ा है। इन्हें रिवोलविंग फण्ड और सामुदायिक निवेश निधि के रूप में सरल ऋण के तौर पर वित्तीय सहायता दी जाती है। अब तक 547 करोड़ 89 लाख रुपये की विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है। सरकार ने सामुदायिक निवेश निधि की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये कर दी है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों की बहनों को होटल प्रबंधन से प्रशिक्षण दिलवाया है। ऐसी बहनें प्रदेश में लगभग 380 कैंटीन चला रही हैं।
हरियाणा में तीन लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ड्रोन दीदी योजना के तहत बहनों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इससे वे कृषि, बागवानी और अन्य क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं। 100 महिलाओं को ड्रोन वितरित कर दिए गए हैं। ड्रोन दीदियों को ज्यादा से ज्यादा काम मिले उसके लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में हरियाणा में तीन लाख लखपति दीदी हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं हमारे समाज की धुरी हैं। राज्य के इस चहुंमुखी विकास में महिलाओं की बराबर की भूमिका रही है। इसी के चलते आज हरियाणा की गिनती देश के सर्वाधिक प्रगतिशील राज्यों में होती है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमने प्रदेश में 151 वीटा बिक्री केन्द्रों का संचालन महिलाओं के हाथों में दिया है।
सरस आजीविका मेले से महिला उद्यमियों के सपनों को मिली नई उड़ान – डाॅ. साकेत कुमार
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डाॅ. साकेत कुमार ने कहा कि सरस आजीविका मेले का उद्देश्य न केवल स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने उत्पादों को बेचने का अवसर प्रदान करना है बल्कि उनके सपनों को एक नई उड़ान देना भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने देश और प्रदेश में महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
महिला उद्यमियों ने सांझा किए अनुभव, जताया मुख्यमंत्री का आभार
कार्यक्रम के दौरान हरियाणा और अन्य राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने महिला उद्यमियों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि वे आत्मनिर्भर बनी है और उनके बनाए उत्पादों की पहचान देश-विदेश में हो रही है। उन्होंने बताया कि मेले में आचार, मसाले, विभिन्न प्रकार के व्यंजन, धातु से बने बर्तन, खिलौने आदि की बिक्री से अच्छी आमदनी हुई है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी, हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, मेयर श्री कुलभूषण गोयल सहित विभिन्न राज्यों की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, कारीगर, बुनकर व शिल्पकार उपस्थित रहे।