
चंडीगढ़, 30 अक्टूबर – हरियाणा के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (हरेडा) द्वारा ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट (जीजीजीआई) के सहयोग से होटल हयात, चंडीगढ़ में आज “राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार वितरण समारोह” एवं एशिया लो कार्बन बिल्डिंग ट्रांजिशन (एएलसीबीटी) परियोजना के अंतर्गत भवन रजिस्ट्री पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उद्योग इकाइयों, सरकारी भवनों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं शैक्षणिक संस्थानों को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री श्यामल मिश्रा ने ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऊर्जा संरक्षण केवल औद्योगिक आवश्यकता नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य राज्य को ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। राज्य सरकार निरंतर ऊर्जा के कुशल उपयोग, हरित तकनीकों के प्रचार और नवीकरणीय स्रोतों के प्रोत्साहन की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता को केवल नीतियों तक सीमित न रखकर इसे जन आंदोलन के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे हर नागरिक इसमें सहभागी बन सके। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण आज की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की भी आवश्यकता है।
प्रधान सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2070 तक ‘नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन’ का लक्ष्य निर्धारित किया है और वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ऊर्जा उत्पादन का संकल्प लिया गया है। यह भारत की वैश्विक जलवायु नेतृत्व क्षमता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य की कुल स्थापित विद्युत क्षमता लगभग 16,227 मेगावॉट है, जिसमें से 38.61 प्रतिशत (6,265 मेगावॉट) ऊर्जा गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त की जा रही है। हरियाणा सरकार ने वर्ष 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को स्वच्छ स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य तय किया है और इसके लिए आवश्यक संस्थागत एवं नीतिगत ढांचा तैयार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पावर यूटिलिटीज ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने नवीकरणीय ऊर्जा क्रय दायित्व (आरपीओ) के लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिए हैं और वर्ष 2029-30 के 43.33 प्रतिशत आरपीओ लक्ष्य की दिशा में भी आवश्यक योजनाएं लागू की जा चुकी हैं।
हरेडा और जीजीजीआई के बीच एएलसीबीटी परियोजना को लेकर सहयोग
इस दौरान हरेडा के निदेशक डॉ. आदित्य दहिया ने विभाग की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि हरेडा, ऊर्जा दक्षता को राज्य की जीवनशैली और विकास का हिस्सा बनाने के लिए निरंतर नीतियां लागू कर रहा है। उन्होंने बताया कि हरेडा ने जीजीजीआई के साथ एशिया लो कार्बन बिल्डिंग ट्रांजिशन (एएलसीबीटी) परियोजना के क्रियान्वयन हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह परियोजना एशिया के पाँच देशों – कंबोडिया, भारत, इंडोनेशिया, थाईलैंड और वियतनाम – में लागू है, जिनमें भारत के तीन राज्य हरियाणा, केरल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
इस दौरान जीजीजीआई की क्षेत्रीय प्रबंधक सुश्री जूली रोब्लेस ने बताया कि परियोजना के तहत हरियाणा में लगभग 600 भवनों का प्रारंभिक डेटा एकत्र किया गया है, जिनमें से 110 भवनों का विस्तृत मूल्यांकन किया गया और 22 भवनों को ऊर्जा दक्षता सुधार के लिए चयनित किया गया है।
भारत सरकार के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) के उप-महानिदेशक श्री अशोक कुमार ने ऊर्जा संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आने वाले समय में हर क्षेत्र को ऊर्जा दक्षता के दृष्टिकोण से कार्य करने की आवश्यकता होगी।
इस अवसर पर विशेष अतिथि एवं वरिष्ठ प्रशासक श्री सुनील गुलाटी (पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा) ने ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर अपने विचार साझा किए और उद्योगों एवं नागरिकों को इस दिशा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
*समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को किया सम्मानित*
समारोह में औद्योगिक श्रेणी (1 मेगावाट से अधिक भार) में पहला स्थान पानीपत रिफाइनरी, पानीपत को मिला, जबकि नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, पानीपत को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।
इसी तरह से होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर प्रा. लि., गुरुग्राम एवं डेंसो हरियाणा प्रा. लि., आईएमटी मानेसर, गुरुग्राम को प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
इसी प्रकार से औद्योगिक श्रेणी (1 मेगावाट से कम भार) में टाटा कंज्यूमर, रोहतक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा शाहाबाद शुगर मिल, शाहाबाद को द्वितीय पुरस्कार मिला।
इसी तरह से एमएसएमई श्रेणी (1 मेगावाट से अधिक भार) में अभि ऑटोमोटिव, गुरुग्राम प्रथम रही, जबकि 1 मेगावाट से कम भार श्रेणी में पॉली प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, यमुनानगर द्वितीय स्थान पर रही।
इसी प्रकार से वाणिज्यिक भवन श्रेणी में एयरटेल सेंटर रोस्ट्रम, गुरुग्राम ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम को दूसरा स्थान मिला।
सरकारी भवन श्रेणी में नॉर्दर्न रेलवे एक्स्ट्रा डिविजनल हॉस्पिटल, जगाधरी को प्रथम पुरस्कार मिला। श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, पंचकूला एवं जिला कारागार, कैथल को प्रशंसा प्रमाणपत्र दिया गया।
इसी तरह से संस्थान एवं संगठन श्रेणी (500 किलोवाट से अधिक) में मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट, फरीदाबाद को प्रथम स्थान मिला, जबकि 500 किलोवाट से कम श्रेणी में जी.वी.एम. कॉलेज, सोनीपत प्रथम और आर.के.एस.डी. कॉलेज, कैथल द्वितीय स्थान पर रहे। जी.बी.एन. राजकीय पॉलिटेक्निक, निलोखेड़ी को प्रशंसा प्रमाणपत्र मिला।
इसी तरह से नवाचार/नई तकनीक श्रेणी में जिंदल स्टेनलेस, हिसार को प्रथम पुरस्कार और मारेली मदरसन ऑटोमोटिव लाइटिंग इंडिया, रेवाड़ी को द्वितीय पुरस्कार मिला। एएपीएसआई, गुरुग्राम को प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
इसी प्रकार से ऊर्जा दक्ष उपकेंद्र श्रेणी में 66 किलो वोल्ट से कम क्षमता वाले उपकेंद्रों में सेक्टर-38, गुरुग्राम उपकेंद्र को प्रथम स्थान मिला। 66 किलो वोल्ट से अधिक क्षमता वाले उपकेंद्रों में 220 किलोवोल्ट उपकेंद्र, सेक्टर-58, फरीदाबाद प्रथम और 220 किलोवोल्ट उपकेंद्र, दौलताबाद, गुरुग्राम द्वितीय स्थान पर रहे। 132 किलोवोल्ट उप केंद्र, कैंट, हिसार को प्रशंसा प्रमाणपत्र मिला।