
चंडीगढ़, 8 दिसंबर। हरियाणा के खेल जगत में अनुशासन और छवि को लेकर बड़ा निर्णय हुआ है। हाल ही में तेजी से बढ़ रहे हथियारों के प्रदर्शन, हिंसक वीडियो और अनुचित सोशल मीडिया व्यवहार को रोकने के लिए हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (एचओए) ने खिलाड़ियों और कोचों के लिए कठोर एडवाइजरी जारी की है।
यह एडवाइजरी हाल ही में सामने आए उन मामलों के बाद जारी की गई है, जिनमें कुछ खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों द्वारा बंदूकें, हथियारों और हिंसा से जुड़े वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की गई थीं। इन घटनाओं को न केवल खेलों की गरिमा के खिलाफ माना गया, बल्कि युवाओं के लिए गलत संदेश फैलाने वाला बताया गया।
एचओए ने यह कदम अधिवक्ता राजनारायण पंघाल द्वारा दर्ज की गई शिकायत और हरियाणा के अर्जुन पुरस्कार तथा भीम पुरस्कार विजेताओं सहित कई दिग्गज खिलाड़ियों द्वारा उठाए गए कड़े विरोध के बाद लिया गया। सभी ने इस प्रवृत्ति को खेलों की आत्मा के खिलाफ बताया और इसे रोकने की मांग की।
सख्त कार्रवाई, प्रतिबंध भी संभव
एचओए ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई खिलाड़ी सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो या वीडियो अपलोड करता है, तो उसे राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जा सकता है। इसके साथ ही नियमों के उल्लंघन पर, निलंबन, अनुशासनात्मक कार्रवाई, कानूनी जांच तथा संबंधित प्राधिकरणों को सूचना
जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे।
शून्य-सहनशीलता नीति लागू
एचओए अध्यक्ष कैप्टन जसविंद्र सिंह ‘मीनू बेनीवाल’ ने सभी जिला ओलंपिक संघों, राज्य खेल संगठनों और जिला खेल अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे खिलाड़ियों व कोचों को तुरंत यह सूचना जारी करें। एडवाइजरी में कहा गया है कि हथियारों का उपयोग या प्रदर्शन, हिंसा या अवैध गतिविधियां तथा सोशल मीडिया पर अपमानजनक या भड़काऊ सामग्री किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।
खिलाड़ियों और कोचों के लिए ट्रेनिंग जरूरी
एचओए ने निर्देश दिए हैं कि हर जिले और खेल संस्था में साल में कम से कम एक बार अनिवार्य जागरूकता सत्र आयोजित हों, जिनमें खेल अनुशासन, कानूनी दायित्व, सोशल मीडिया का जिम्मेदार उपयोग तथा खिलाड़ी की सार्वजनिक छवि और व्यवहारिक मर्यादा जैसे विषय शामिल रहेंगे। हरियाणा के वरिष्ठ खिलाड़ियों, कोचों और खेल हस्तियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी सिर्फ मैदान पर नहीं बल्कि समाज में भी आदर्श होते हैं। उनका व्यवहार युवा पीढ़ी को प्रेरणा देता है। ऐसे में हथियारों का प्रदर्शन खेल भावना और सामाजिक जिम्मेदारी के बिल्कुल विपरीत है।
कॉट्स
संघ ने सभी प्रशासनिक इकाइयों, खेल संगठनों और जिला अधिकारियों से अपील की है कि इस निर्णय का व्यापक स्तर पर प्रसार करें और सुनिश्चित करें कि नियमों का कड़ाई से पालन हो। हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन को विश्वास है कि इस कदम से राज्य में एक सुरक्षित, अनुशासित और सकारात्मक खेल संस्कृति स्थापित होगी, जहां खिलाड़ी न केवल प्रदर्शन से बल्कि अपने चरित्र और अनुशासन से भी मिसाल बनेंगे।