
चंडीगढ़ 21 नवंबर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता में विश्व की हर समस्या का समाधान निहित है। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। इन उपदेशों को आज हर व्यक्ति को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है। इन उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव अहम योगदान है। विदेश मंत्रालय के सहयोग से इस वर्ष 50 देशों में गीता महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को देर सायं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान ब्रह्मसरोवर की महाआरती कार्यक्रम शिरकत करने उपरांत मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक के एम पांडुरंग, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने ब्रह्मसरोवर की महाआरती में विधिवत गीता पूजन कर महाआरती की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गीता जीवन जीने का आध्यात्मिक ग्रंथ है और कैसे जीया जाए और गीता में वेदों का ज्ञान है। भगवान ने चार वेद चार ऋषियों के माध्यम से बनाए और फिर वेदों का ज्ञान उपनिषदों में आया और यही ज्ञान गीता में हैं। गीता हमें कर्म करने का संदेश देती है। गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है। भगवान कृष्ण का जीवन चिन्तन है। गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है। गीता हमें मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है। जो, अनुकूलता है, वहीं सुख है और जो अनुकूल न आए वह दुख है। गीता भारतीय परंपराओं का अदभुत ग्रंथ है।
कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि गीता घर-घर में पढ़ी जानी चाहिए। गीता को जन आंदोलन बनाना होगा, क्योंकि जीवन की सभी समस्याओं का समाधान गीता में है और पवित्र ग्रंथ गीता राष्ट्र का गौरव है। यह ग्रंथ किसी एक धर्म की नहीं बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है और यहीं संदेश भगवान श्रीकृष्ण ने अपने उपदेश में दिया था।