
चंडीगढ़, 8 नवंबर- हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी ने 20 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले प्रोजेक्टों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी प्रोजेक्टों की स्वयं निगरानी करें, नियमित ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करें और कार्यों की प्रगति पर पूरा ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि ठेकेदार प्रोजेक्टों को निर्धारित समय से एक वर्ष या उससे अधिक की देरी करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए। इसके अलावा संबंधित कार्यकारी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के खिलाफ भी अनुशासनिक कार्यवाही की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रेनों की मरम्मत और सुधार कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए और इनमें उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
मंत्री आज चंडीगढ़ सिविल सचिवालय में विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ की गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।
मंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता से चिह्नित किया जाए और वहां बेहतर गुणवत्ता वाली पाइपलाइन बिछाई जाए, ताकि भविष्य में जल निकासी प्रभावी ढंग से की जा सके।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन इलाकों में बरसात के दिनों में ड्रेनों में क्षमता से अधिक पानी भर जाता है, वहां जल प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए और पानी के बंटवारे की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि किसानों को जलभराव की समस्या से राहत मिल सके।
मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को अपने कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता अपनानी चाहिए। जब तक कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी नहीं होगी, तब तक विकास कार्यों की गुणवत्ता में सुधार नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य जनता की भलाई के लिए अधिक से अधिक कार्य करना है, और सिंचाई विभाग को इस दिशा में तेजी व ईमानदारी से काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और आम नागरिकों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए जल संसाधन प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, ताकि हरियाणा के खेतों तक पानी सही मात्रा में पहुंच सके और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से बचाव सुनिश्चित हो सके।
बैठक में गुरुग्राम शहर को पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी उपलब्ध कराने हेतु गुरुग्राम वाटर सप्लाई चैनल परिय़ोजना के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान जानकारी दी गई कि इस कार्य के लिए कंसलटेंट को नियुक्त किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि वे कार्यों की स्वयं मानीटरिंग करेंगी और लारवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन के विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग अग्रवाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।