
चंडीगढ़ , 10 अक्तूबर – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा इन दिनों 9 से 13 अक्तूबर तक केन्या की राजधानी नैरोबी में पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। उनके साथ 20 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी गया है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और केन्या के बीच कृषि, बागवानी और कृषि उत्पादों के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग को मजबूत करना और आधुनिक कृषि तकनीकों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
दौरे के दौरान शुक्रवार को हरियाणा प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान और अंतरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इन बैठकों में मक्का और गेहूं में नवाचार, कृषि मशीनीकरण, जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियों और उन्नत कृषि तकनीकों के साझा उपयोग पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में यह सहमति बनी कि दोनों देशों के कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किए जाएं, ताकि कृषि अनुसंधान, प्रशिक्षण और नई तकनीकों के विकास में परस्पर सहयोग को बढ़ाया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल ने केन्या नेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KNCCI) के मुख्यालय का भी दौरा किया, जहां संस्था के सीईओ के साथ सौजन्य भेंट कर कृषि उत्पादों के निर्यात-आयात, बाजार विस्तार और व्यापारिक सहयोग पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ।
कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि यह दौरा हरियाणा के किसानों के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का उद्देश्य राज्य के किसानों को वैश्विक स्तर की नवीन कृषि तकनीकों और सफल मॉडलों से जोड़ना है, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके और लागत में कमी लाई जा सके।
उन्होंने बताया कि भारत हर प्रकार के अनाज, फल और सब्जियों का उत्पादन करता है और यही विविधता देश को वैश्विक कृषि परिदृश्य में एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में भारत ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में उसका योगदान लगातार बढ़ रहा है।
श्री राणा ने कहा, “किसानों और पशुपालकों की मेहनत तथा सरकार की किसान-हितैषी नीतियों ने भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूती दी है। आज भारत दूध का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है, मोटे अनाजों में अग्रणी है, जबकि चावल और गेहूं उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। फलों, सब्जियों और मत्स्य पालन में भी भारत का योगदान उल्लेखनीय है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के कुशल नेतृत्व में भारत का कृषि क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है और विदेशी तकनीकों के सफल उपयोग से किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है।
श्री राणा ने उम्मीद जताई कि यह केन्या दौरा “दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग के नए आयाम खोलेगा” और तकनीकी साझेदारी के माध्यम से किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि “आज भारत न केवल अपनी सबसे बड़ी आबादी का भरण-पोषण करता है, बल्कि विश्व के कई देशों को खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराता है।”
इस दौरे में कृषि विशेषज्ञों, विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों और किसानों का दल भी शामिल है, जो केन्या में चल रहे उन्नत कृषि प्रोजेक्ट्स और नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव ले रहा है।