
चंडीगढ़, 26 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग केवल तकनीकी अभ्यास नहीं, बल्कि लोकतंत्र को अधिक सशक्त, प्रभावी और जनता के करीब लाने का एक माध्यम है। अच्छे और स्पष्ट कानून ही किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था की असली ताकत होते हैं। साथ ही, यह भी आवश्यक है कि ड्राफ्ट बनाते समय भविष्य की चुनौतियों और तकनीकी बदलावों का ध्यान भी रखा जाए।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा द्वारा लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के सहयोग से चंडीगढ़ सेक्टर—26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में विधायी प्रारूपण एवं क्षमता संवर्धन विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे।
कार्यशाला का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने किया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष श्री यू टी खादर फरीद, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा उपस्थित रहे।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सशक्त लोकतांत्रिक परंपरा को और अधिक सरल, जीवंत तथा वर्तमान समय की मांग के अनुरूप बनाने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसकी सफलता केवल चुनावी प्रक्रिया पर नहीं टिकी है, बल्कि इस बात पर निर्भर करती है कि हमारे कानून कितने प्रभावी, स्पष्ट और जन हितैषी हैं। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ़ उसकी विधायिका होती है और विधायिका की वास्तविक ताकत उसके द्वारा बनाए गए कानूनों में निहित होती है। इन कानूनों का प्रारूप आप तैयार करते हैं। इसलिए, आपका वर्तमान हालात और तकनीक से परिचित रहना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायी ड्राफ्ट कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है। इसमें संविधान की मूल भावना, न्यायपालिका के दिशा-निर्देश, कार्यपालिका की जरूरतें और सबसे महत्वपूर्ण जनता की आकांक्षाएं, इन सबका संतुलन बैठाना होता है। एक अच्छा विधायी ड्राफ्ट समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।
विधानसभा में बनने वाले प्रत्येक कानून सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता का आधार बने
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज जब समाज तेजी से बदल रहा है। डिजिटल युग ने शासन-प्रशासन को नए आयाम दिए हैं, तब हमें विधायी ड्राफ्टिंग में भी आधुनिकता और नवाचार की जरूरत है। विधानसभा केवल बहस और चर्चा का मंच नहीं है, बल्कि यह जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। संविधान ने हमें जो जिम्मेदारी दी है, वह अत्यंत पवित्र है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि विधानसभा में बनने वाले प्रत्येक कानून में संविधान की आत्मा झलके। सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता हर विधेयक का आधार बने।
हरियाणा विधानसभा कामकाज की पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए लगातार उठा रही कदम
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सदैव देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सजग रहा है। हमारी विधानसभा ने समय-समय पर अपने कामकाज की पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए हैं। ई-विधान, डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में हरियाणा विधानसभा देश की अग्रणी विधानसभाओं में गिनी जाती है। अब विधायी ड्राफ्टिंग पर यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण सभी अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे ही वह कड़ी हैं, जो नीति और कानून को जोड़ते हैं। उनके प्रयासों से ही कोई विधेयक सुसंगत भाषा में तैयार होकर सदन में प्रस्तुत होता है। ये उनकी केवल तकनीकी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उनका संवैधानिक दायित्व भी है। उनकी कलम यह सुनिश्चित करती है कि जो कानून बने, वह न केवल न्यायपूर्ण हो,
…