Saturday, November 8Malwa News
Shadow

सांसद सुभाष बराला ने 56वीं जीएसटी परिषद बैठक के फैसलों को बताया ऐतिहासिक

चंडीगढ़, 4 सितंबर- राज्यसभा सांसद श्री सुभाष बराला ने 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों का स्वागत करते हुए इन्हें ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव डालने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और परिषद के सभी सदस्यों के दूरदर्शी नेतृत्व में लिए गए निर्णय आम नागरिकों, किसानों, उद्योगों और व्यापार जगत को बड़ी राहत देने वाले हैं।

सांसद श्री बराला ने कहा कि जीएसटी दरों का युक्तिकरण कर अब प्रमुख दरें 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत लागू होंगी। इससे कर प्रणाली और सरल होगी तथा आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं पर कर घटाकर जनता की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम किया गया है। उन्होंने कहा कि रोटी, परांठा जैसी वस्तुएं अब करमुक्त होंगी। खाद्य वस्तुओं, दुग्ध उत्पादों और पैकेज्ड फूड पर जीएसटी दरों में कमी की गई है। मक्खन व ड्राई फ्रूट्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।

सांसद श्री सुभाष बराला ने कहा कि किसानों के लिए भी  राहतकारी फैसले लिए गए है। कृषि उपकरण, ट्रैक्टर पार्ट्स, सिंचाई व जुताई मशीनों पर कर कम किया गया है।उर्वरक और जैव-कीटनाशकों पर जीएसटी दरों में कमी की गई है।ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इससे हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।वस्त्र उद्योग व छोटे व्यापारियों को भी इन फैसलों से लाभ होगा। करों में राहत मिलने से उनके कारोबार की लागत घटेगी और प्रतिस्पर्धा की क्षमता बढ़ेगी।

सांसद श्री बराला ने कहा कि हरियाणा इन ऐतिहासिक निर्णयों का स्वागत करता है। उन्होंने बताया कि राज्य में एसजीएसटी संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2018-19 में जहां एसजीएसटी संग्रह ₹18,910 करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर ₹39,743 करोड़ हो गया है, जो कि 110 प्रतिशत की वृद्धि है। सीमित जनसंख्या वाले प्रदेश हरियाणा का एसजीएसटी संग्रहण देश में 5वें स्थान पर है। सांसद श्री सुभाष बराला ने कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार की आमजन, किसानों और उद्योग जगत के प्रति संवेदनशीलता और दूरदृष्टि को दर्शाते हैं। इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, रोजगार सृजन होगा और हरियाणा सहित पूरे देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।