
चंडीगढ़, 23 दिसम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी है। सरस्वती आद्रभूमि जलाशय और सरस्वती जंगल सफारी जैसी परियोजनाएं प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी नए अवसर सृजित करेंगी।
मुख्यमंत्री संत कबीर कुटीर निवास स्थान पर नागरिकों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म किया है। प्रदेश में जमीनों व सम्पत्तियों का पेपरलेस रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। अब रजिस्ट्री का काम पूरी तरह डिजिटल हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तिगुणी ऊर्जा के साथ जनकल्याण में जुटी हुई हैं। इसलिए हम सब मिलकर हरियाणा को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का संकल्प लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र और लाडवा की उस पवित्र मिट्टी की महक आज उनके आवास तक पहुँची है। सभी नागरिकों का हृदय की गहराइयों से स्वागत, वदन और अभिनंदन है। हम सब मिलकर लाडवा के विकास रथ को बिना रुके आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हलके को विकास के मामले में प्रदेश का अग्रणी क्षेत्र बनाना सरकार का लक्ष्य है। इसका उद्देश्य ईंट-पत्थर की इमारतें खड़ा करना नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र के अंतिम पायदान पर खड़े नागरिक का भी उत्थान करना है।
श्री नायब सिंह ने कहा कि शिक्षा और कौशल विकास के लिए उमरी में 108 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर भारत के पहले राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान की स्थापना करना गर्व का विषय है। इसके साथ ही 14.51 करोड रुपये की लागत से राजकीय पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण और बहलोलपुर में 8.33 करोड़ रुपये की लागत से आईटीआई का निर्माण किया गया है। ये संस्थान युवाओं के भविष्य को संवारने का कार्य करेेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव उमरी में लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से संत शिरोमणि गुरु रविदास स्मारक का निर्माण किया जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों को सामाजिक समरसता और समानता के मूल्यों की प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए राक्षी नदी पर तीन पक्के पुलों का निर्माण और 3 करोड़ 12 लाख रुपये की लागत से आरसीसी ट्रैक परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इनसे न केवल आवागमन आसान होगा, बल्कि किसानों की सिंचाई व्यवस्था बेहतर होने से उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
श्री नायब सिंह ने कहा कि लाडवा शहर के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है और पीडब्ल्यूडी द्वारा 46 किलोमीटर लंबी 23 सड़कों का नवीनीकरण किया गया है। लाडवा में 31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला सब-डिवीजन कार्यालय प्रशासनिक कार्यों में गति लाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति को सुद्रढ करने के लिए कनीपला में 5 करोड रुपये का बिजली सब स्टेशन और आमजन के लिए परिवहन सेवाएं शुरू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को जनता के द्वार तक पहुँचाने के लिए गांव डीग में 6 करोड़ 38 लाख रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास किया है। इसके अलावा, बरोट और बिहोली में भी नए पी.एच.सी. निर्माण के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों की सुविधा के लिए बिहोली में पशु वेटरनरी पॉलीक्लिनिक और मथाना के गौवंश धाम में गौ चिकित्सालय की स्थापना करना सरकार की पशुधन संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
श्री नायब सिंह ने कहा कि गांव धनौरा जाटान में 2 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से बना खेल स्टेडियम युवाओं को खेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा निखारने के लिए वैश्विक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि लाडवा में 26 करोड़ रुपये की लागत से मल शोधन संयंत्र स्थापित कर सीवरेज की समस्या का समाधान किया गया है। क्षेत्र के 65 गांवों में स्वच्छ पेयजल पहुँचाने के लिए 11 करोड़ 51 लाख रुपये की लागत से पाइपलाइन बिछाई गई है। यातायात को सुगम बनाने के लिए 10 करोड 20 लाख रुपये की लागत से सहारनपुर-कुरुक्षेत्र सड़क मार्ग को चार-मार्गी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान लाडवा में बुनियादी ढांचा, सामाजिक समरसता, सिंचाई, स्वास्थ्य, पशुपालन, खेल, पर्यावरण संरक्षण और नगरीय सुविधाओं के क्षेत्र में जो उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, वे पहले कभी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि लाडवा विधानसभा क्षेत्र के विकास पर अब तक 807 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में मात्र 310 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए।
श्री नायब सिंह ने कहा कि प्रदेश में फसल खराब होने पर गत 11 सालों में किसानों को मुआवजे और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 15 हजार 448 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।