
चंडीगढ़, 24 सितम्बर- हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम अपनी निरंतर बेहतर हो रही कनेक्टिविटी और उद्योग अनुकूल वातावरण के कारण ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) की स्थापना के लिए निवेशकों की पहली पसंद बनती जा रही है। उन्होंने यह बात बुधवार को गुरुग्राम के ग्रैंड हयात होटल में हितधारकों के साथ जीसीसी पॉलिसी के प्रावधानों को लेकर आयोजित परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए कही।
राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों को प्रतिकूल वातावरण नहीं, बल्कि पूर्णतः सहयोगी और प्रगतिशील माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्योग हरियाणा की प्रगति के प्रमुख स्तंभ हैं, इसलिए सरकार का निरंतर प्रयास है कि निवेशकों और उद्यमियों को सभी आवश्यक सुविधाएं और सहयोग समय पर मिले। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम प्रदेश की आर्थिक राजधानी है और पिछले एक दशक से यहां लगातार कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है। दिल्ली के निकटता के कारण गुरुग्राम निवेश का एक स्वाभाविक विकल्प बन गया है। यहां हाइड पार्क, इंडिया हैबिटेट सेंटर तथा कन्वेंशन सेंटर प्रस्तावित हैं। बेहतर संपर्क साधनों के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे विकल्प उपलब्ध कराते हैं।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी गुरुग्राम में स्थापित की जा रही है, जो यहां के बुनियादी ढांचे और निवेश क्षमता को और मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि इन सबके चलते गुरुग्राम न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर निवेश के लिए सबसे उपयुक्त गंतव्य के रूप में तेजी से उभर रहा है।
नीति में फिस्कल और नॉन फिस्कल प्रोत्साहनों का संतुलित मिश्रण : डॉ अमित अग्रवाल
हितधारकों को संबोधित करते हुए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी)को बढ़ावा देने और एक मजबूत, निवेश-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए नई नीति तैयार की है। नीति में वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों का संतुलित मिश्रण है, ताकि निवेशकों को सुविधा और सहयोग मिल सके। नीति में जीसीसी के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर और विशेष टीम की व्यवस्था की गई है, जो निवेशकों को पूरी प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करेगी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि गुरुग्राम और टियर-2 शहर जैसे पंचकुला, करनाल और हिसार में आधुनिक बुनियादी ढांचा, उच्च जीवन स्तर और उत्कृष्ट कनेक्टिविटी उपलब्ध है। नई नीति का उद्देश्य यही है कि हरियाणा जीसीसी निवेशकों के लिए एक आसान, सुविधाजनक और आकर्षक गंतव्य बने।
नई ड्राफ्ट नीति में हितधारकों के सुझावों को दी जाएगी प्राथमिकता : डॉ. यश गर्ग
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डॉ. यश गर्ग ने कहा कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) के लिए तैयार की जा रही नई ड्राफ्ट नीति में हितधारकों के सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस नीति का मकसद निवेशकों को अधिक सुविधाजनक माहौल उपलब्ध कराना है, ताकि हरियाणा विशेषकर गुरुग्राम को जीसीसी हब के रूप में और सशक्त बनाया जा सके।
इस अवसर पर चीफ कॉर्डिनेटर इंडस्ट्रीज सुनील शर्मा, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नितिन बंसल सहित प्रदेश की विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।