
चंडीगढ़, 8 नवम्बर:-हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने राज्यवासियों से अपील की है कि वे प्लानोंकुफ़ डी कफ सिरप का उपयोग न करें, क्योंकि इस दवा में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक रासायनिक की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई है, जो मानव शरीर के लिए अत्यंत विषैली और घातक सिद्ध हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि CDSCO (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन), गुवाहाटी से प्राप्त आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार उक्त सिरप के कुछ बैचों में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई है। यह रासायनिक तत्व गंभीर स्वास्थ्य हानि पहुँचाने वाला है, जिससे गुर्दों की विफलता , तंत्रिका तंत्र में विकार (Neurological complications) और यहां तक कि मृत्यु तक की संभावना उत्पन्न हो सकती है, विशेष रूप से बच्चों में।
उन्होंने बताया की संबंधित दवा का नाम: प्लानोंकुफ़ डी (सेटिरिज़िन हाइड्रोक्लोराइड, फिनाइलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड और डेक्सट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप )
बैच संख्या: R25053101
निर्माण तिथि: फ़रवरी 2025
समाप्ति तिथि: जनवरी 2027
निर्माता: मेसर्स श्रेया लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, 13–15 रायपुर, भगवानपुर, रुड़की (यू.के.) है।
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि इस सिरप को “Adulterated and Not of Standard Quality” घोषित किया गया है। अतः प्रदेश में इसके बिक्री, वितरण या उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
उन्होंने कहा की “जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने इस खतरनाक सिरप के सभी बैचों को तुरंत बाजार से हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दवा विक्रेताओं, वितरकों, अस्पतालों और डॉक्टरों से अनुरोध किया गया है कि वे इन बैचों को किसी भी स्थिति में न बेचें, न वितरित करें और न ही उपयोग करें।”
कुमारी आरती सिंह राव ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने घरों में मौजूद दवाइयों की जांच करें और यदि प्लानोंकुफ़ डी सिरप का यह बैच मौजूद हो तो उसे तुरंत उपयोग में न लाएं तथा नजदीकी स्वास्थ्य विभाग अथवा दवा नियंत्रण अधिकारी को इसकी सूचना दें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले की सतर्कता और पारदर्शिता के साथ निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे। मंत्री ने कहा की “हरियाणा सरकार जनता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम सब मिलकर ऐसी दवाओं के दुष्प्रभावों से अपने बच्चों और परिवारों को सुरक्षित रखेंगे।”